New Delhi Times (Hindi) by Gulzar

Category: Screenplay
Publisher: Radhakrishna Prakashan

साहित्य में मंज़रनामा एक मुकम्मिल फ़ॉर्म है। यह एक ऐसी विधा है जिसे पाठक बिना किसी रुकावट के रचना का मूल आस्वाद लेते हुए पढ़ सकें। लेकिन मंज़रनामा का अन्दाज़े-बयान अमूमन मूल रचना से अलग हो जाता है या यूँ कहें कि वह मूल रचना का इन्टरप्रेटेशन हो जाता है।

मंज़रनामा पेश करने का एक उद्देश्य तो यह है कि पाठक इस फ़ॉर्म से रू-ब-रू हो सकें और दूसरा यह कि टी.वी. और सिनेमा में दिलचस्पी रखनेवाले लोग यह देख-जान सकें कि किसी कृति को किस तरह मंज़रनामे की शक्ल दी जाती है। टी.वी. की आमद से मंज़रनामों की ज़रूरत में बहुत इज़ाफ़ा हो गया है।

चर्चित फिल्म ‘न्यू देहली टाइम्स’ का मंज़रनामा पाठक को समय, समाज और राजनीति के दबावों में नाना प्रकार के रूप धारण करते मीडिया से परिचित कराता है। सबकी ख़बर लेने और सबकी ख़बर देनेवाला मीडिया स्वयं बहुत सारे अन्तर्विरोधों से भरा हुआ है। ऐसे में उन मीडियाकर्मियों के संघर्ष और अन्तर्द्वन्द्व का अनुमान लगाया जा सकता है जो सत्य के पक्ष में खड़े हैं। यह मंज़रनामा दिन पर दिन जटिल होते ‘समाज’ और ‘सूचना समाज’ के रिश्तों का यथार्थवादी चित्रण करता है।

The author: Gulzar